बिहार सरकार कर रही है चार नई यूनिवर्सिटी बनाने की तैयारी
Last Modified: Mon, Feb 08 2021. 15:28 PM IST
बिहार सरकार चार नई यूनिवर्सिटी की स्थापना की तैयारी कर रही है। इसके लिए बिल आगामी बजट सत्र में बिहार विधान सभा के समक्ष रखे जाने की संभावना है। कहा जा रहा है कि प्रत्येक यूनिवर्सिटी एक अलग स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम की होगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न लेने की शर्त पर बताया कि चारों बिलों पर काम ए़़डवांस स्टेज में है और उन्हें जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।
इनमें से एक यूनिवर्सिटी खासतौर पर मेडिकल की होगी और दूसरी इंजीनियरिंग की। आपको बता दें कि 2010 के बाद से सभी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आते हैं। आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी की स्थापना 2010 में इसी उद्देश्य से की गई थीकि यह सभी टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स को रेगुलेट करेगा।
वर्तमान में आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के चार ऑटोनोमस सेंटर हैं। इनमें सेंटर ऑफ ज्योग्राफिकल स्टडीज, पाटलीपुक्ष स्कूल ऑफ इक्नोमिक्स, सेंटर ऑफ रिवर स्टडीज और सेंटर फॉर जर्नलिज्म। अब तीन नए केंद्र फिलोसफी, स्टेम सेल और एस्ट्रोनॉमी में भी नए केंद्र खोलने की योजना है। इसे एक रिसर्च यूनिवर्सिटी बनाने का उद्देश्य है।
P2010 से पहले सभी इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज अलग-अलग यूनिवर्सिटी के अंतर्गत थे, उन्हें एकेयू के तहत एक साथ लाया गया था। अब एक दशक बाद सरकार को महसूस हो रह है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए अलग से यूनिवर्सिटी होनी चाहिए।
वर्तमान की बात करें तो बिहार में 9 सरकारी और 6 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं। इसके साथ ही एम्स पटना और इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसपटना भी ऑटोनोमस इंस्टीट्यूट हैं।
इंजीनियरिंग फील्ड की बात करें तो बिहाल में 50 कॉलेज है, इनमें 38 सरकारी है। एक बार यूनिवर्सिटी बनने पर सभी कॉलेज एकेयू से नई यूनिवर्सिटी में शिफ्ट हो जाएंगे।
दो दूसरी यूनिवर्सिटी जो पाइपलाइन में हैं उनमें आर्ट और कल्चर और स्पोर्ट हैं। आर्ट और कल्चर मधुबनी में स्थापित की जा सकती है जो डांस, संगीत और फाइन आर्ट्स के इंस्टीट्यूट कवर करे। वहीं स्पोर्टस यूनिवर्सिटी राजगीर में खोली जाएगी।
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